Monday, March 8, 2010

मुहब्बत की कलम से

अपने इश्क की यूँ आजमाइश न कर, प्यार करने वाले ऐसे ही समझ लेते हैं.
अपने ग़मों की यूँ नुमाइश न कर, मुहब्बत करने वाले बिन बोले ही समझ लेते हैं.
करना है तो सिर्फ प्यार कर.
क्योंकि प्यार करने वाले बड़ी मुद्दत से नसीब होते हैं.

कौन कहता है प्यार में दर्द होता है.
ये तो सिर्फ खुसकिस्मतों को नसीब होता है.
एक बार इस भवसागर में उतर कर तो देख.
प्यार की पीर में होने वाला दर्द भी बड़ा अजीज होता है.

Wednesday, March 3, 2010

कसक

हम थे खुशियाँ थीं और हमारे दोस्त थे.
पानी की ठिठोलियों में सभी मदहोश थे.
पता ही न था की ये लहरें रूठ जाएँगी.
और देखते ही देखते दोस्त की साँसें टूट जाएँगी.

जिन्दगी के उन लम्हों को भूलने का दिल करता है.
पर क्या करें दोस्त का चेहरा पल-पल उन लम्हों में गुजरता है.
देखते हैं जब उसके घर में हम आंसुओं की बौछार
उन लम्हों में लौटकर उसे वापस लाने का जी करता है.